द गर्ल इन रूम 105–३४
"बेट, एक मिनट हां, अभी डॉक्टर उनकी जांच कर रहे हैं। मैं उन्हें फ़ोन दे रही हूँ। आप कौन बोल रहे हैं?"
'मैं इंस्पेक्टर राणा बोल रहा हूं। आप कौन हैं?" नर्स जेनी, सर मैं यहां पर रघु सर की देखभाल कर रही हूं।"
'कहां पर?'
"अपोलो हॉस्पिटल, सर वेट, मैं उन्हें फोन दे रही हूं।"
हमने सुना कि वो तेलुगु में किसी से कुछ कह रही है। कुछ सैकंड बाद रघु लाइन पर आया। 'हैलो, मिस्टर रघु, मैं हौज़ खास पुलिस थाना से इंस्पेक्टर विकास राणा बोल रहा हूँ। क्या हम बात कर
'हैलो?" रघु ने कहा।
सकते हैं?"
'जी, सर
"क्या आपने ख़बर सुनी?'
कौन-सी खबर, सर
"क्या आप ज़ारा लोन को जानते हैं?" 'वो मेरी मंगेतर हैं, सर,' रघु ने कहा।
'ओह, आई एम सॉरी, मिस्टर रघु हमें उनके कमरे में उनकी लाश मिली है। अब वे इस दुनिया में नहीं हैं।" दूसरी तरफ़ से आवाज़ ख़ामोश हो गई।
'मिस्टर रघु?"
"क्या?' कुछ सैकंड बाद रघु ने कहा। 'आपकी दोस्त, आपकी मंगेतर, वे अपने कमरे में मरी हुई पाई गई हैं और हमें शक है कि उनका क़त्ल किया
गया है।'
'आर यू सीरियस? कौन बोल रहा है? क्या तुमने ही उन लोगों को भी भेजा था?" रघु ने कहा, उसकी
आवाज़ से दहशत झलक रही थी।
‘कौन से लोग? मैं पुलिसवाला हूं। हमारे पास उसका फोन है। आज उस पर तुम्हारे दो मिस्ड कॉल हैं। सुबह 8:14 पर, और दूसरा 8:32 पर।
एक
हमने कुछ आवाजें सुनीं। रघु अपने फोन पर कुछ चेक कर रहा था। फिर उसने कहा, 'नहीं... सॉरी, आई
कान्ट बिलीव दिसा "उसकी बॉडी उसके पैरेंट्स के पास है। तुम उनसे बात कर सकते हो।"
'हां, मैं अभी कॉल करता हूं.' रघु ने कहा । 'लेकिन यह... मैं नहीं... सॉरी, मैं बात करने की हालत में नहीं
"मैं समझ सकता हूं, आपको यह सुनकर झटका लगा होगा।'
'आज ज़ारा का बर्थडे है, उसने कहा। फ़ोन पर उसकी तेज़ चल रही सांसें सुनी जा सकती थीं। 'दो बाद हमारी शादी थी।"
'शादी' शब्द सुनकर मेरे सीने में दर्द हुआ। मैं
दूसरी तरफ देखने लगा ।
महीने
"सॉरी, मिस्टर रघु । अब हम उन्हें तो वापस नहीं ला सकते, लेकिन हम यह मालूम करने की पूरी कोशिश
करेंगे कि यह किसने किया है।'
तीन दिन पहले मुझ पर कुछ लोगों ने हमला किया था। मैंने सोचा यह पैसा वसूल करने वाले किसी
लोकल गैंग का काम होगा।'
"रियली? कौन थे वो लोग? कब हुआ यह?" इंस्पेक्टर ने कहा और लिखने के लिए नोटबुक निकाल ली। "तीन गुंडे। देर रात का वक़्त था। साइबर सिटी में मेरे ऑफिस के ठीक बाहर यह हुआ। वे बाइक से आए
और हॉकी स्टिक्स से मुझे मारा। मेरी कार की खिड़की का शीशा भी तोड़ दिया। मैं जैसे-तैसे ज़ोर से चिल्लाया तो
वे भाग गए, नहीं तो वे लोग और भी नुकसान पहुंचा सकते थे। '
क्या आपको चोट लगी है?" "सिर में एक घाव है और बांह में फ्रैक्चर है।'